मान साहब प्रेस कॉन्फ्रेंस ले रहे थे या ओपन माइक नाइट चल रही थी? 

शकील सैफी
शकील सैफी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एक बार फिर सुर्खियों में हैं – वजह? उनका पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर वन लाइनर स्टाइल में किया गया तीखा कटाक्ष।

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मान साहब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – “जहां 140 करोड़ लोग रह रहे हैं, वहां आप रह नहीं रहे हो… और जहां 10 हज़ार लोग रहते हैं, वहां का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिल रहा है!”

उनके इस बयान ने ट्विटर से लेकर संसद तक हलचल मचा दी। बीजेपी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने मान को याद दिलाया – “वो अब स्टैंड-अप कॉमेडियन नहीं, एक मुख्यमंत्री हैं। अफ़सोस है कि वो अब भी अपनी पुरानी भूमिका में अटके हैं।”

विदेश मंत्रालय भी मैदान में कूदा

मान की टिप्पणी सिर्फ़ बीजेपी तक सीमित नहीं रही। विदेश मंत्रालय ने भी इसे “ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और खेदजनक” बताया। मंत्रालय ने नाम नहीं लिया, लेकिन निशाना बड़ा साफ़ था। उनका कहना था कि इस तरह की बातें भारत और उसके ग्लोबल साउथ मित्रों के रिश्तों को नुकसान पहुंचाती हैं।

कब हंसी, कब गंभीरता?

भगवंत मान का अतीत कॉमेडी से जुड़ा रहा है, लेकिन अब वो राज्य के मुखिया हैं। सवाल ये है कि क्या जनता उन्हें मुख्यमंत्री की गंभीरता से देख रही है या कॉमिक रिलीफ के तौर पर?

बयानबाज़ी में जहां मान हंसी का पंच जोड़ते हैं, वहीं विपक्ष उसे तंज का तमाचा मानता है।

ह्यूमर बनाम हद

राजनीति में ह्यूमर नया नहीं है, लेकिन जब आप मुख्यमंत्री हों, तो ह्यूमर में हद और बात में सटीकता जरूरी हो जाती है। वरना विरोधी सिर्फ़ ताली नहीं बजाते, जवाबी भाषण भी देते हैं।

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